
धान के समर्थन मूल्य और चुनाव से पहले किए गए वादे पर शनिवार को सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह एक बार फिर आमने-सामने हो गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जोरदार हमला बोला। शुरुआत रमन के एक ट्वीट से हुई। इसमें उन्होंने राहुल गांधी का वीडियो शेयर करके सीएम बघेल पर निशाना साधा कि आधा समय आत्ममुग्धा में निकल गया। अब तो कुछ काम कर लीजिए। सीएम बघेल ने भी जवाबी कार्रवाई में देर ना करते हुए कहा कि पूर्व सीएम का आजकल घर से निकलना बंद है।
इसलिए उन्हें नहीं पता कि छत्तीसगढ़ में कितना काम हो रहा है। पूर्व सीएम रमन ने 2018 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा दिए चुनावी वादों की याद दिलाते हुए कहा कि राहुल 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य देने का वादा करके गए थे। यह भी कहा था कि 15 क्विंटल की लिमिट खत्म कर देंगे। हर जिला और हर ब्लॉक में फूड प्रोसेसिंग का कारखाना लगाएंगे। अब सरकार को काम करना चाहिए।
इस पर सीएम बघेल ने कहा कि रमन ने पहले भी पोस्ट किया था कि 60 लाख मीट्रिक टन चावल केंद्र सरकार खरीद रही है। राज्य सरकार को प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहिए। अब केंद्र सरकार नहीं खरीद रही है तो उन्हें इसकी मांग करनी चाहिए। अभी 24 लाख मीट्रिक टन चावल की अनुमति दी गई है तो 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की अनुमति देने के लिए उन्हें चिट्ठी लिखने से कौन रोक रहा है?
सीएम ने कहा कि दूसरी बात एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए हमने कहा कि अधिशेष धान से हमें एथेनॉल बनाने की मंजूरी दे दी जाए। अगर इजाजत मिली होती तो अब तक प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी होती। चार एमओयू हम कर चुके हैं। केंद्र ने धान से एथेनॉल बनाने पर रोक लगा रखी है।
हम सहायता की बजाए सिर्फ अनुमति मांग रहे हैं। वह भी नहीं मिल रही। क्या रमन सिंह को यह नहीं लगता कि वह केंद्र से अनुमति दिलाने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखे? वैसे राज्य में बहुत से फूड प्रोसेसिंग प्लांट खुल चुके हैं।
कांग्रेस का भी हमला
पूर्व सीएम के ट्वीट के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी दो जवाबी पोस्ट किए। पहले में कांग्रेस लिखा है कि सब करेंगे डॉक्टर साहब! धैर्य रखिए। दुर्भाग्य से बहुत सी बातें केंद्र सरकार के हाथों में है और वह आप लोगों के कहने पर अड़ंगा लगाने में लगी है।
हम आपकी तरह किसानों को न ठगेंगे और न उन्हें धोखा देंगे। दूसरे पोस्ट में नसीहत भरे लहजे में लिखा कि थोड़ा घर से निकलिए, घूमिए-टहलिए, किसानों से मिलिए। आपको पता चलेगा कि किसान खुश हैं। समर्थन मूल्य न सही राजीव गांधी किसान न्याय योजना से उन्हें पैसे मिल रहे हैं। आपका 15 साल का कबाड़ भी तो साफ करना है।
किसके दबाव में है केंद्र: उपाध्याय
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलना यह साबित करता है कि मोदी सरकार किसी के दबाव में है। क्या पूर्ण बहुमत वाली कोई सरकार इतनी भी अक्षम हो सकती है कि वह एक आंदोलन को समाप्त नहीं करा सके? आश्चर्य है कि पीएम को देश की बजाए अमेरिका में 4 लोगों के हिंसा में मारे जाने का दुख है। उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र सरकार जिन किसानों के लिए कृषि कानून बनाए हैं, वही किसान इसे अपने खिलाफ मान रहा है।
बारदाने कम कैसे हो गए: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाए की सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए केंद्र सरकार पर तथ्यहीन आरोप लग रही है। एक-एक दाना धान खरीदने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार अब अपनी असफलता छिपाने के लिए केवल तर्कहीन बयानों का सहारा ले रही है। धान का एक-एक दाना लेने की बात करने वाले अब बारदाना को लेकर भी जवाब नही दे पा रहे हैं। कौशिक ने कहा कि समय रहते बारदाना के क्रय का आदेश दिया जाता तो वर्तमान में परिस्थितियां बेहतर होती।
केंद्र को दोष देना गलत: साय
प्रदेश में धान खरीदी पर चल रही सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। साय ने कहा कि- बारदाने का इंतजाम करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। प्रदेश सरकार बताए कि पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने धान खरीदी के लिए कितने बारदाने मुहैया कराए? उन्होंने कहा कि धान खरीदी की पूरी व्यवस्था चौपट करके भाजपा से केंद्र सरकार को पत्र लिखने को कहना दिमागी दीवालियापन है।
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