
किसान आंदोलन के समर्थन में टावर लाइन प्रभावितों का धरना बारहवें दिन में प्रवेश कर गया। जुखाला में रविवार को धरने-प्रदर्शन की अगुवाई महिलाओं ने की। महिलाओं समेत धरने पर बैठे अन्य लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार ने किसानों पर नए कृषि कानून मनमाने ढंग से थोप दिए हैं।
वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में भाजपा को सत्ता में आए 3 साल बीत जाने के बाद भी हजारों लोगों से की गई धोखाधड़ी को लेकर पार्वती-कोलडैम ट्रांसमिशन कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
धरने को संबोधित करते हुए टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के संयोजक रजनीश शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि कानूनों में मनमाने ढंग से संशोधन करके उन्हें किसानों पर जबरन थोप दिया है। इसके विरोध में किसानों को धरने पर बैठे डेढ़ माह बीत चुका है, लेकिन तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।
सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री कई बार किसानों से वार्ता कर चुके हैं, लेकिन वे कृषि कानूनों पर कोई भी चर्चा करने से इंकार कर देते हैं। यह हैरान करने वाला पहलू है। किसानों का आंदोलन कृषि कानूनों के खिलाफ है। ऐसे में उन पर चर्चा होनी बेहद जरूरी है। संगठन के कानूनी सलाहकार अजय नड्डा ने कहा कि टावर लाइन प्रभावित भी सरकार की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं।
अनिल अंबानी की सहयोगी पार्वती-कोलडैम ट्रांसमिशन लाइन कंपनी ने हिमाचल के हजारों लोगों की भूमि का अधिग्रहण किए बगैर उनकी मलकियत भूमि के ऊपर से टावर लाइनें बिछा दी। उन्हें मुआवजा भी नहीं दिया गया। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय विपक्ष में रहते हुए भाजपा नेताओं ने टावर लाइन प्रभावितों की मांगों को जायज करार दिया था, लेकिन सत्ता में आए 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के साथ आवाज बुलंद करने के साथ ही टावर लाइन प्रभावित अपना हक भी लेकर रहेंगे। इस मौके पर इंदु ठाकुर मंजू, सुनीता, सावित्री, विमला, किरण ठाकुर, कांता ठाकुर, बाबूराम ठाकुर, हरि सिंह ठाकुर, प्रकाश सिंह ठाकुर, रूपलाल ठाकुर, बाबूराम, सुखदेव, हीरालाल, बालकराम, निक्कूराम, रणजीत व प्रेमलाल भड़ोल आदि भी मौजूद थे।
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