
कांग्रेस के छात्र संगठन USUI ने मंगलवार को अपना एक रुपया और एक पैली धान अभियान शुरू कर दिया। इसके तहत संगठन के पदाधिकारी और नेता प्रदेश भर के खरीदी केंद्रों पर पहुंचे। किसानों से केंद्र सरकार के कृषि संबंधी विवादित कानूनों पर बात की। उसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर घेरा डालकर बैठे किसानों की मदद के लिए एक रुपया और एक पैली धान मांगा।
पैली लकड़ी अथवा मिट्टी से बना एक बर्तन होता है, छत्तीसगढ़ के गांवों में इससे अनाज मापते हैं। खरीदी केंद्रों पर पैली नहीं थी तो किसानों ने हाथ की अंजुली अथवा प्लास्टिक के डब्बे से ही NSUI कार्यकर्ताओं के बोरे में धान दिया। अधिकतर किसानों ने धान के साथ नकद राशि भी प्रदान की। NSUI कार्यकर्ता सुबह और शाम दो बार मंडियों में पहुंचे थे ताकि अधिक से अधिक किसानों तक पहुंच सकें।

NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने बताया, दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के सहयोग के लिए संगठन से कल इस अभियान का आह्वान किया था। आज एक हजार से अधिक मंडियों में NSUI के कार्यकर्ता पहुंचे हैं।
यहां किसानों में इस आंदोलन को लेकर उत्साह दिख रहा है। हम अधिक से अधिक मंडियों में जाएंगे। किसानों को नये कृषि कानूनों का नुकसान समझाएंगे। किसानों से कम से कम एक रुपए और एक पैली धान का सहयोग मांगेंगे। यह अभियान 9 जनवरी तक चलेगा।
आकाश शर्मा ने बताया, इसके लिए संगठन ने कोई लक्ष्य तय नहीं किया है, लेकिन लोगों से गुजारिश रहेगी कि एक रुपए से लेकर जितना दे पाएं, दान दें।
धान से चावल बनाकर दिल्ली भेजेंगे
10 जनवरी तक इकट्ठा हुआ पूरा धान और नकद राशि रायपुर पहुंचेगी। NSUI पदाधिकारियों ने राइस मिलों से बात की है। वहां पूरे धान की मिलिंग कर चावल बनाया जाएगा। 11 जनवरी को यह चावल और नकद राशि दिल्ली रवाना करने की योजना है। चावल और राशि आंदोलन स्थल पर चल रहे एनएसयूआई के लंगर में काम आएगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3pRJjag
0 komentar