36 वें राष्ट्रीय खेल आयोजन और डीएमएफ राशि की बंदरबांट

CG News Today



रायपुर। छत्तीसगढ़  विधानसभा शीतकालीन सत्र  के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरु हो चुकी है। आज सदन की कार्यवाही में भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने 36 वें राष्ट्रीय खेल आयोजन के लिए चयनित खिलाड़ियों और अधिकारियों की जानकारी मांगी। खिलाड़ियों को किन किन खेलों में कहां और कितना प्रशिक्षण दिया गया। उक्त खेलों में छ्त्तीसगढ़ की क्या उपलब्धि रही ?

जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि 36 वें राष्ट्रीय खेल में छत्तीसगढ़ का 22 वां स्थान रहा , 136 खिलाड़ी 40 अधिकारियों का दल गया था, उन्हें किसी प्रकार की कोई पारिश्रमिक नहीं दिया गया केवल यात्रा किराया और भत्ता दिया गया।

आगे अजय चंद्राकर ने कहा कि खेल आयोजन के लिए 35 लाख स्वीकृत हुआ लेकिन 1 लाख 88 हजार खर्च हुआ तो बाकी पैसा क्या गया?खिलाड़ियों पर प्रशिक्षकों को भुगतान क्यों नहीं किया गया ?

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सवाल के जवाब में मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि ओलंपिक संघ प्रपोजल मंगाया गया है भुगतान किया जाएगा।

वहीं बृजमोहन ने कहा कि ओलंपिक संघ ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसकी जांच कराई जानी चाहिए। बहुत से खिलाड़ियों को अब तक पैसा नहीं मिला है।  वहीं इस पर मंत्री पटेल  ने सभी को पैसा दिए जाने का आश्वासन दिया ।

लाइवलीहुड कॉलेज में ट्रेनिंग के नाम पर डीएमएफ की राशि की बंदरबाँट करने का मामला सदन में गूंजा।

बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने उठाया मामला।  कहा – लाइवलीहुड कॉलेज को 18 करोड़ का भुगतान किया गया।  ये राशि की बंदरबाँट है।  एक व्यक्ति की ट्रेनिंग के लिए दस हजार रुपए खर्च किए गये।  17 हजार 874 लोगों की ट्रेनिंग एक लाइवलीहुड कॉलेज से दी गई।

मधुमक्खी पालन, मछलीपालन, जूट उत्पादन, ग्राम सभा विकास प्रशिक्षण जैसी ट्रेनिंग दिलाई गई, लेकिन क्या ट्रेनिंग के बाद उनका रोजगार शुरू हुआ।  उनका उत्पाद कहाँ खरीदा गया।

इस पर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- जानकारी अलग से दी जायेगी। 

सौरभ सिंह ने कहा- डीएमएफ की राशि निकालकर रोझगार सृजन के नाम से पैसा दिया गया। कलेक्टर पैसे का बंदरबाँट कर रहे हैं। सरकार पटवारियों के पीछे पड़ी है जबकि कलेक्टरों के पीछे पड़ना चाहिये।

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- प्रशिक्षण में किसी तरह की अनियमितता की जानकारी है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- सिर्फ़ मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए 52 लाख रुपये खर्च कर दिये गये. 29-30 जून को ही 30 करोड़ रुपये के काम जारी कर दिये गये।  ये गंभीर मामला है. सदन की कमेटी से जाँच करा दी जाये।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- एक ज़िले में 30 करोड़ रुपये तक का काम डीएमएफ के ज़रिए कलेक्टर कर रहे हैं।  पचास फीसदी तक कमीशन डीएमएफ में लिए जा रहे हैं।  पूरे प्रदेश भर में इसकी ठीक से जाँच करा दी जाये तो ये क़रीब एक हज़ार करोड़ का बड़ा घोटाला निकलेगा।  इसकी जाँच सदन की कमेटी से कराई जानी चाहिए।

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा– पिछली सरकार में मुख्यमंत्री कौशल विकास और प्रधानमंत्री कौशल विकास में सिर्फ भ्रष्टाचार किया गया।  प्रशिक्षण केंद्र एक कमरे में चलता था।

अजय चंद्राकर ने कहा- सरकार में आप बैठे हैं।  जाँच क्यों नहीं कराई।  दोनों मामलों की जाँच करा लें।

स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने मंत्री को दिया निर्देश– पिछली सरकार के पाँच साल में प्रशिक्षण के नाम पर हुए खर्च और इस सरकार में अब तक हुए खर्च की जाँच कराई जाये।