Chhattisgarh woman farmers: छत्तीसगढ़ की महिला गौठान में विभिन्न गतिविधियों साथ जुड़कर सब्जियों को उगाने का प्रशिक्षण लिया था. जो उनकी वह उनके परिवार की तकदीर बदलने
के लिए बेहद ही मददगार साबित हुआ है.
Chhattisgarh woman farmersमहिलाओं का कहना है हम पहले ही घरों में छोटे स्तर पर आवश्यकतानुसार सब्जियां लगाते थे, और जब गौठान में बड़े पैमाने पर समूह की महिलाओं के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला तो पहले की प्रैक्टिस से ये काम और आसान हो गया।
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लगातार मुनाफा बढ़ रहा
Chhattisgarh woman farmers महिलाओं ने बताया कि 5 महीनों से हम बाड़ी विकास का कार्य कर रहें हैं। 25 हजार की लागत से बाड़ी विकास का काम शुरू किया। वर्तमान में यहां मटर, बैगन, मूली, आलू तथा भाजी लगाए गए हैं। जिसका विक्रय कर महिलाओं को 45 हजार रुपये तक का शुद्ध लाभ हुआ है ।
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महिलाएं कहती हैं कि जब से हम यह कार्य कर रहीं हैं अच्छी आमदनी से आर्थिक रूप से सशक्त होकर घर-परिवार की ज़रूरतों को पूरा कर पा रहीं हैं।
प्रदेश में 98690 बाड़ियां, 4429 सामुदायिक बाडियां
नरवा गरूआ घुरूवा बाड़ी योजना विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में अद्यतन 98690 बाड़ियां विकसित कर ली गई हैं। प्रदेश में निर्मित 8408 गौठानों में 39090 हितग्राहियों के साथ 4429 सामुदायिक बाडियां संचालित हैं ।
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी और गोधन न्याय योजना आमजनों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है। ग्रामीण परिवेश में निवासरत लोगों के लिए यह योजना आर्थिक उन्नति का माध्यम बनकर उभरी है।