Why the Collector did a surprise inspection of the Ethanol plant:

CG News Today



 

जनधारा 24 न्यूज डेस्क।Why the Collector did a surprise inspection of the Ethanol plant:

छत्तीसगढ़ में जल्दी ही बदलेगा किसानों का हाल,

जब गन्ने से निकाला जाएगा इथेनॉल।

Why the Collector did a surprise inspection of the Ethanol plant:

राज्य के मुखिया भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट का आज

कबीरधाम कलेक्टर ने औचक निरीक्षण किया।

इस दौरान उनको वहां के जिम्मेदार अफसरों ने

जानकारी दी कि इसका 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

नए साल 2023 के तीसरे या फिर चौथे महीने से

\इसमें उत्पादन का काम शुरू हो जाएगा।

 

यह उद्योग 35 एकड़ में आकार ले रहा है। इस उद्योग का निर्माण कार्य

लगभग 80 प्रतिशत तक कम्प्लीट हो चुका है।

नए वर्ष 2023 में तीसरे या चौथे माह तक पूरा होने की उम्मीद है।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने शनिवार को

निर्माणाधीन उद्योग का मुआयना किया

और निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने अवलोकन करते हुए कहा कि कृषि (गन्ना) पर

आधारित यह उद्योग राज्य शासन की प्राथमिकता वाली

योजनाओं में शामिल है।

हाल ही में जिले के प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव

समीक्षा बैठक में निर्माण कार्यों

सहित उद्योग से जुड़े सभी पहलुओं पर

गंभीरता से समीक्षा की गई है।

 

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने क्या कहा… जानें

कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए है।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना

के समीप निर्माण हो रहे प्रदेश का सबसे बड़ा और

पहला एथनॉल प्लांट के कार्यों का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के तकनीकी अधिकारियों

ने बताया कि आगामी नववर्ष के तीसरे या चौथे माह में

निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा

और पहला एथनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है।

एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना

की खाली भूखंड 35 एकड़ भूमि को चिन्हांकित किया गया है।

निरीक्षण के दौरान भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के

एमडी भूपेन्द्र ठाकुर , जिला आबकारी अधिकारी

जीएस दर्दी, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

पीपीपी मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला प्रकल्प है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि पर आधारित

इथेनाल प्लांट प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल है।

पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले देश के इस पहले इथेनॉल प्लांट की

स्थापना के संबंध में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने

एवं छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे.

बॉयोफ्यूल लिमिटेड के बीच अनुबंध किया गया है।

इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के

अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का

आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर

भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री बघेल के

नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे

सर्वाेपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई

तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए

शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई

निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की

स्थापना की जा रही है।

पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की

स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है।

हजारों गन्ना उत्पादक किसानों को मिलेगा

लाभ भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के

एमडी ठाकुर ने बताया कि इथेनाल प्लांट

हाईब्रीड टेक्नालाजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन

के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन

के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा।

गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण

अधिक जूस की जरूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के

लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा।

कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और

यूनिट लगाई जाएगी।

किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान

समय पर सुनिश्चित हो सकेगा।

राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण

में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने

में पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की

स्थापना की कार्यवाही की जा जाएगी।